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मां के गले लगते ही बच्चों को होता है ये एहसास

मां, हग्गीज, डायपर कंपनी हग्गीज, स्वास्थ्य, ऑक्सीजन

नई दिल्ली । मां आखिर मां होती है। हम जब भी थके हारे घर आते हैं तब अगर मां की आंचल मिल जाती है तब मानो जन्नत नसीब हो गया हो। हम सभी अक्सर अपने दिल की बात पिता की अपेक्षा मां से ही करते हैं वो इसलिए मां हमारे ज्यादा अजीज होती है। एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि मां जब अपने कलेजे के टुकड़े को सीने से लगाती है तो उससे बच्चे के चेहरे पर मुस्कान तो आती ही है, इससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने, दिल की धड़कन सामान्य होने और शरीर का तापमान स्थिर होने जैसे लाभ भी हो सकते हैं।

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सर्वेक्षण यह भी दर्शाता है कि 90 फीसदी डॉक्टर मानते हैं कि शिशु अपनी मां द्वारा गले लगाने को जान जाते हैं। डायपर कंपनी हग्गीज ने मां और शिशु के गले लगने की ताकत को सामने लाने के लक्ष्य से दिल्ली, मुम्बई, बंगलुरू, चेन्नई और कोलकाता में 2000 से अधिक माताओं और 500 से अधिक चिकित्सकों पर सर्वेक्षण किया। करीब 76 फीसदी चिकित्सक मानते हैं कि मां द्वारा गले लगाने से शिशु की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ सकती है।

कंपनी के अनुसार यह कोई अचरज नहीं है क्योंकि गले लगाना किसी चमत्कार से कम नहीं है, यह शिशु की हृदय गति सामान्य कर सकता है, ऑक्सीजन स्तर को बढ़ा सकता है और बच्चों का रोना-चिल्लाना एवं परेशानी भी घटा सकता है। मां के गले लगाने से हार्मोनों की ऐसी प्रक्रिया होती है कि बच्चे के शरीर के तापमान के विनियमन में मदद पहुंचा सकती है। करीब 85 फीसदी चिकित्सक माताओं को गले लगाने के फायदों के मद्देनजर ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। सर्वेक्षण यह भी दर्शाता है कि गले लगाने के पक्ष में वैज्ञानिक समर्थन एवं शोध के बावजूद 80 फीसदी माताएं इससे अनभिज्ञ हैं कि गले लगाने के उनके शिशु के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदे हैं।

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