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महाराष्ट्र निकाय चुनाव : लहराया भाजपा का परचम

मुंबई| बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की 227 सीटों के लिए हुए चुनाव में शिवसेना सबसे ज्यादा 84 सीटें जीतकर पहले स्थान पर है, लेकिन बहुमत से दूर है। 82 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि वह निर्दलीय पार्षदों की मदद से बीएमसी की सत्ता पर काबिज होगी। गुरुवार को हुई मतगणना के शुरुआती दौर में लग रहा था कि शिवसेना अकेले बहुमत का आंकड़ा छू लेगी। शिवसैनिकों ने जश्न भी मनाया। लेकिन मतगणना पूरी होने के बाद शिवसेना मात्र 84 सीटों तक सिमट गई, जबकि भाजपा ने 82 सीटों पर जीत दर्ज की।

सामान्य बहुमत के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को 114 पार्षदों की जरूरत है।

महाराष्ट्र में हुए निकाय चुनाव में भाजपा ने बेहतर प्रदर्शन किया है, वहीं शिवसेना ने ठाणे में जीत दर्ज की है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार शाम मतदाताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों में विश्वास जताया।”

फडणवीस ने कहा, “भाजपा कोर कमेटी की बैठक होगी और वही फैसला लेगी। हम जनादेश का सम्मान करते हैं।”

मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा कि पार्टी में मुंबई में 81 सीटें जीती हैं और उसके पास चार निर्दलीय पार्षदों का समर्थन है और इसलिए वह महापौर की कुर्सी के लिए दावा करने की स्थिति में है।

उन्होंने कहा, “यह भाजपा की ऐतिहासिक जीत है..हमारे पास शिवसेना से केवल तीन सीटें कम हैं..इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विकास के एजेंडे को जाता है।”

शेलार ने कहा, “पार्टी ने मुंबई में 82 सीटें जीती हैं तथा चार निर्दलीय पार्षदों का समर्थन है, इसलिए यह महापौर के महत्वपूर्ण पद के लिए दावा करने की स्थिति में है।”

लेकिन शिवसेना अध्यक्ष इससे इत्तेफाक न जाते हुए कहा, “महापौर शिवसेना से होगा, जो सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।”

उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने निकाय चुनाव से पहले भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बहुमत न मिलने पर कम से कम 100 सीटों पर जीत दर्ज करने की उम्मीद जताई थी।

बीएमसी का सालाना बजट साल 2016-17 के लिए 37,000 करोड़ रुपये है।

मुंबई में कांग्रेस को करारा झटका लगा है। हार की जिम्मेदारी लेते हुए मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम ने इस्तीफा दे दिया है।

राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को सात सीटें, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को नौ सीटें, मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) को तीन सीटें मिली हैं। जबकि कभी माफिया डॉन रहे अरुण गवली की पार्टी अखिल भारतीय सेना (एबीएस) को एक सीट मिली है और यह सीट उनकी बेटी गीता गवली ने जीती है।

महाराष्ट्र के अन्य शहरों में भाजपा को जोरदार बढ़त मिली है।

भाजपा पुणे नगर निगम में जीत की ओर बढ़ रही है, जिससे राकांपा दूसरे नंबर पर चली गई है। पुणे में शिवसेना, मनसे तथा कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। भाजपा ने 77, राकांपा ने 44, शिवसेना ने 10 तथा मनसे ने छह सीटें जीतीं।

पुणे के निकट पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम में भाजपा तथा राकांपा के बीच जबरदस्त मुकाबला है, जहां भाजपा 78, जबकि राकांपा 35, शिवसेना नौ, मनसे एक तथा अन्य ने बाकी सीटें जीतीं।

शिवसेना कुल 131 सीटों वाले ठाणे नगर निगम पर अपना कब्जा बरकरार रखने की तरफ बढ़ रही है, जहां शिवसेना ने 67, राकांपा ने 34 तथा भाजपा ने 23 सीटें जीती हैं।

वहीं उल्हासनगर में शिवसेना ने 78 में से 25, जबकि भाजपा ने 32 सीटें जीती हैं। राकांपा को चार, कांग्रेस को एक तथा निर्दलियों तथा अन्य ने 16 सीटें जीती हैं।

कुल 151 सीटों वाला नागपुर नगर निगम भाजपा के खाते में गया, जहां भाजपा ने 91, कांग्रेस ने 23 तथा राकांपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की है।

नासिक में भाजपा सत्ता की तरफ बढ़ रही। भाजपा ने 112 में से 55 सीटें जीती हैं। शिवसेना को 35 मनसे को केवल तीन सीटें मिली हैं। कांग्रेस को छह, जबकि राकांपा को पांच तथा मनसे को तीन सीटें मिली हैं।

अमरावती में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है, जहां उसने 87 सीटों में से 45 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस ने 15, एआईएमआईएम ने 10, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पांच, शिवसेना ने सात तथा बाकी पांच सीटें अन्य के खाते में गईं।

कांग्रेस का गढ़ रहे सोलापुर में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है, जहां उसने 102 में से 49 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि शिवसेना 21 तथा कांग्रेस 14, एआईएमआईएम नौ, राकांपा चार, बसपा चार मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक सीट पर जीत दर्ज की।

अकोला में भाजपा 80 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस 13, शिवसेना आठ, मनसे पांच तथा अन्य ने छह सीटों पर जीत दर्ज की।

अन्य 11 जिला परिषदों में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है, जो कांग्रेस, राकांपा तथा शिवसेना गढ़ था।

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Dileep Kumar
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