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भारत की अर्थव्यवस्था पर विदेशी कंपनियों का कब्जा : रामदेव 

भोपाल| योगगुरु और पतंजलि ब्रांड के स्वामी बाबा रामदेव ने देश की अर्थव्यवस्था पर विदेशी कंपनियों के बढ़ते प्रभाव और राजनीतिक दलों के मौन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वह आगामी कुछ वर्षो में देश में एक लाख करोड़ रुपये का स्वदेशी बाजार तैयार करना चाहते हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नर्मदा नदी के संरक्षण और उसे प्रवाहमान बनाए रखने के लिए निकाली जा रही ‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा’ में हिस्सा लेने पहुंचे बाबा रामदेव ने यहां सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “विदेशी कंपनियों का भारत की 50 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था पर कब्जा है, मगर कोई राजनीतिक दल नहीं बोलता। जो सत्ता में है, वह पिछली सरकारों के साथ हुए अनुबंध से बंधा है और विपक्षी दल इन कंपनियों से चंदा लेता है, लिहाजा कोई राजनीतिक दल स्वेदशी की बात नहीं करता।”

संन्यासी उद्योगपति ने कहा कि वह आगामी कुछ वर्षो में देश में एक लाख करोड़ रुपये का स्वदेशी बाजार तैयार करना चाहते हैं।

पतंजलि ब्रांड के स्वामी रामदेव ने कोकाकोला व पेप्सी पर हमला बोलते हुए कहा कि ये कंपनियां पानी में जहर घोल रही हैं। इन कंपनियों ने नदियों के पवित्र जल को अपवित्र किया है, इन्हें नदियों ही नहीं देश से दूर होना चाहिए।

नदियों में मिलते सीवेज और संयंत्रों के गंदे पानी का जिक्र करते हुए बाबा ने कहा, “कई स्थानों पर देखा है कि गंगा, यमुना से लेकर नर्मदा नदी के किनारे बसे शहर और संयंत्रों का गंदा पानी मिलता है, क्योंकि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाए जाते हैं। ये प्लांट इसलिए नहीं लगाए जाते, क्योंकि इसमें धन खर्च होता है।”

रामदेव ने आगे कहा कि उन्हें बताया गया है कि नर्मदा नदी में गंदा पानी मिलने से रोकने के लिए नदी के किनारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं, वहीं नदी के कटाव को रोकने के लिए नदी किनारे पौधरोपण भी किया जाना प्रस्तावित है, यह आंशिक तौर पर शुरू भी हो गया है।

उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सराहना करते हुए कहा कि नर्मदा यात्रा के जरिए राज्य में आध्यात्मिक और धार्मिक दायित्व का निर्वहन हो रहा है। इस यात्रा ने नर्मदा को गौरव दिया है। इस तरह के काम पर कुछ लोग उंगली उठाते हैं, मगर शिवराज की यह सोच उन्हें सात्विक लगी, इसलिए खुद चलकर आए हैं।

योगगुरु शिवराज के साथ नर्मदा सेवा यात्रा में भी शामिल हुए।

नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से 11 दिसंबर को यात्रा शुरू हुई। यह यात्रा 144 दिन की है और इसका समापन 11 मई को अमरकंटक में ही होगा। यह यात्रा मध्यप्रदेश के उन हिस्सों से गुजर रही है, जहां से नर्मदा नदी गुजरती है।

नर्मदा में रेत का अवैध खनन प्रदेश में विपक्ष का बड़ा मुद्दा है। हाल ही में अवैध रेत की ढुलाई में लगे चार डंपर पकड़े गए, जो मुख्यमंत्री शिवराज के भतीजे प्रद्युम्न सिंह के बताए जा रहे हैं। विपक्षी कांग्रेस का कहना है कि अवैध रेत खनन प्रदेश सरकार के संरक्षण में हो रहा है, नर्मदा सेवा यात्रा उसी पर पर्दा डालने के लिए शुरू की गई है।

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Dileep Kumar
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