नई दिल्ली | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सोमवार को बड़ा झटका देते हुए लोढ़ा समिति ने बोर्ड और इससे संबद्ध सभी राज्य क्रिकेट संघों के सभी शीर्ष अधिकारियों को पद से हटाने की सिफारिश की।
लोढ़ा समिति ने इसके अलावा बीसीसीआई में बतौर पर्यवेक्षक पूर्व गृह सचिव जी. के. पिल्लई की नियुक्ति की भी सिफारिश की।
सर्वोच्च न्यायालय को सोमवार को सौंपी स्टेटस रिपोर्ट में लोढ़ा समिति ने पिल्लई को बीसीसीआई का पर्यवेक्षक नियुक्त करने की सिफारिश की। समिति ने पिल्लई को लेखा परीक्षक नियुक्त करने, बीसीसीआई प्रशासन का मार्गदर्शन करने खासकर निविदाएं आवंटित करने और पारदर्शिता बनाए रखने का अधिकार प्रदान करने के लिए भी कहा।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश के क्रिकेट प्रशासन में आमूल-चूल सुधार के लिए नियुक्त लोढ़ा समिति की सिफारिशें मानने को लेकर अनुराग ठाकुर के नेतृत्व वाली बीसीसीआई ने अब तक कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है। समिति की ताजा सिफारिश बोर्ड के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है।
समिति ने सोमवार को सौंपी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में ‘बीसीसीआई के अधिकारियों द्वारा लगातार सिफारिशों को न मानने’ का भी जिक्र किया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है, “सर्वोच्च अदालत के आदेश में पैरा-4 में वर्णित नियम के तहत बीसीसीआई और इससे संबद्ध राज्य क्रिकेट संघों के सभी अयोग्य अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दें कि अब से उनका कार्यकाल समाप्त होता है।”
पैरा-4 में वर्णित आदेश के अनुसार, 70 वर्ष से अधिक आयु के, मंत्री पद या किसी सरकारी पद पर नियुक्त, किसी भी खेल इकाई में पदस्थ तथा लगातार नौ वर्षो से बीसीसीआई में नियुक्त या अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में संलिप्तता का आरोपी व्यक्ति बीसीसीआई के पद के अयोग्य होगा।
समिति ने बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी को बोर्ड के सभी प्रशासनिक एवं प्रबंधन मामलों की देखरेख करने का निर्देश देने को भी कहा है।