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पंजाब में भ्रष्टाचार में सिद्धू भागीदार : आप

Srinagar: BJP leader Navjot Singh Sidhu addresses during an election campaign in Srinagar on Dec 10, 2014. (Photo: IANS)

Srinagar: BJP leader Navjot Singh Sidhu addresses during an election campaign in Srinagar on Dec 10, 2014. (Photo: IANS)

चंडीगढ़| क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू के बयान के जवाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब में हुए भारी भ्रष्टाचार में सिद्धू की भागीदारी रही है। सिद्धू ने कहा था कि पिछले दशक में बादल परिवार की संपत्ति में तेजी से वृद्धि हुई है।

आप की पंजाब इकाई के संयोजक गुरप्रीत सिंह वरैच ने यहां जारी एक बयान में सिद्धू को अवसरवादी, आत्मकेंद्रित और दिशाहीन व्यक्ति करार दिया।

सिद्धू इसी हफ्ते कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इसके पहले उनके आप में शामिल होने की खबरें आई थीं। उन्होंने कुछ समय पूर्व भाजपा से इस्तीफा दे दिया था।

वरैच ने कहा, “सिद्धू भ्रष्टाचार के लिए बादल परिवार पर अब निशाना साध रहे हैं, लेकिन इससे वह 10 वर्षो के शिअद-भाजपा गठबंधन की भ्रष्ट सरकार के साथ अपनी मिलीभगत से मुक्त नहीं हो जाते। उनकी पत्नी राज्य सरकार में मुख्य संसदीय सचिव थीं और उन्होंने इस पद को छोड़ा नहीं..।”

वरैच ने कहा, “नवजोत सिंह सिद्धू भी सात वर्षो से पंजाब से गायब थे। सिद्धू बादल परिवार के भ्रष्टाचार और उनके अन्य अपराधों में साझेदार रहे हैं।”

आप नेता ने कहा कि सिद्धू ने सिर्फ एक भ्रष्ट पार्टी को छोड़ कर दूसरी भ्रष्ट पार्टी का दामन थामा है।

वरैच ने सवाल किया कि सिद्धू ने बादल परिवार पर भ्रष्टाचार और भारी संपत्ति जमा करने के लिए निशाना साधा है, लेकिन वह अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के कथित भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हैं।

सिद्धू ने शुक्रवार को यहां मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवार की संपत्ति पिछले दशक में तेजी से बढ़ी है, जबकि पंजाब कर्ज में डूब गया है।

बादल परिवार पर सीधा आरोप लगाते हुए सिद्धू ने कहा कि यह परिवार समृद्ध हुआ है और उसने राज्य में परिवहन, होटल, केबल टीवी और खनन जैसे क्षेत्रों पर नियंत्रण कर लिया है।

पूर्व सांसद सिद्धू ने कहा, “वर्ष 2007 (जब शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी सरकार सत्ता में आई थी और बादल मुख्यमंत्री बने थे), बादल परिवार के पास दो परिवहन कंपनियां और 50 बसें थीं। आज उनके पास 650 बसें और आठ परिवहन कंपनियां हैं। जबकि पंजाब रोडवेज 400 करोड़ रुपये के घाटे में चल रही है।”

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Dileep Kumar
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