नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार से बिना इनकार किए देशभर के बैंकों से प्रत्येक खाताधारक द्वारा निकाली जा सकने वाली राशि की सीमा बताने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह बैंक से निकासी की न्यूनतम निश्चित सीमा क्यों नहीं तय कर देती। कोई ऐसी निश्चित राशि होनी चाहिये जिसका भुगतान करने से बैंक मना न कर सके। कोर्ट ने सरकार से बुधवार तक इस पर जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने सरकार से यह भी पूछा कि खास शर्ते लगाए जाने के बाद क्या वह जिला सहकारी बैंकों द्वारा जमा स्वीकार करने पर लगाए गए प्रतिबंध में ढील दे सकती है?
नकदी निकासी को लेकर अदालत ने सरकार को प्रत्येक खाते से नकदी निकासी की सीमा बताने को कहा, क्योंकि सरकार प्रत्येक खाते से सप्ताह में 24,000 रुपये निकाले जा सकने की बात कहती है, जबकि बैंक खाताधारकों को कहीं 5000, कहीं 8000 तो कहीं 10,000 रुपये ही दे रहे हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि सरकार के दावों के विपरीत बैंकों में नकदी नहीं है।
पूर्व वित्तमंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने पीठ से कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के सभी प्रिंटिंग प्रेस प्रतिमाह केवल 300 करोड़ नोट ही छाप सकते हैं। हर विमुद्रित नोट की जगह नए नोट लाने में कम से कम छह महीने लगेंगे।
सरकार नकदी निकासी की सीमा बताए : सर्वोच्च न्यायालय
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