Uttar Pradesh

नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला : केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, नोटबंदी, प्रधानमंत्री मोदी, पेटीएमkejriwal
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, नोटबंदी, प्रधानमंत्री मोदी, पेटीएम
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वाराणसी | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नोटबंदी के बहाने केंद्र सरकार पर जमकर हल्ला बोला। केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं की है। बल्कि अपने अरबपति दोस्तों के आठ लाख करोड़ रुपये का ऋण माफ करने के लिए किया है।

नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। केजरीवाल ने कहा कि अपने इस एक छक्के से भाजपा ने कांग्रेस को भी भ्रष्टाचार में पछाड़ दिया। पार्टी की ओर से बेनियाबाग में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने यह बातें कही।

उन्होंने कहा, “वाराणसी में देश बचाने की भीख मांगने आया हूं। आज नोटबंदी से पूरे देश में अफरातफरी मची हुई है। कल कारखाने उद्योग बंद हो रहे हैं। कारखानों से मजदूरों को निकाला जा रहा है। बेटी की शादी में अपना पैसा निकालने के लिए कतार में लगे वृद्ध बाप और किसान रुपया न मिलने पर आत्महत्या कर रहे हैं।”

केजरीवाल ने कहा, “देश में इस तरह 84 लोगों की मौत हो गई है। इसका जिम्मेदार कौन है। भाजपा नेता गरीबों की बेटी के शादी में ढाई लाख रुपये खर्च करने की नसीहत देते हैं और अपने घरों में करोड़ों रुपये खर्च करते हैं, जिस दिन भाजपा नेता अपने घर में ढाई लाख रुपये में शादी करने लगेंगे तब जनता सवा लाख रुपये में ही शादी करने लगेगी।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही वह मोदी के विरोधी हैं, लेकिन उनके अच्छे कामों की सराहना के साथ सहयोग भी किया है। देश के 648 भ्रष्ट लोगों की फाइल प्रधानमंत्री के पास है, जिसमें उनके अरबपति मित्रों और भाजपा नेताओं का नाम है।

प्रधानमंत्री को सबसे ज्यादा भ्रष्ट बताते हुए केजरीवाल ने कहा, “जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब बिरला से 25 करोड़ रुपये और सहारा ग्रुप से चालीस करोड़ दस लाख रुपया चंदा लिया था। यह आयकर के पड़े रेड के फाइलों में भी दर्ज है।”

प्रधानमंत्री के फकीर होने की बात पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “उनके इस फैसले से एक महीने के अंदर देश बीस साल पीछे हो गया। देश के लोगों से राष्ट्रवाद और त्याग की बात करते हैं, लेकिन भाजपा का 70 फीसदी चंदा कालेधन का नकदी में लिया जाता है, जबकि कांग्रेस का 80 फीसदी। खुद भाजपा और प्रधानमंत्री त्याग क्यों नहीं करते, चंदे की रकम पेटीएम में क्यों नहीं मंगवाते।”

 

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