नई दिल्ली। लोकसभा ने बहुप्रतीक्षित केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी विधेयक, एकीकृत जीएसटी विधेयक, मुआवजा जीएसटी विधेयक और केंद्र शासित क्षेत्र जीएसटी विधेयक, 2017 बुधवार को पारित कर दिया। इस दौरान विपक्ष की तरफ से पेश किए गए सभी संशोधनों को अस्वीकार कर दिया गया।
निचले सदन में आठ घंटे चली लंबी बहस के बाद चारों विधेयकों को पारित किया गया। सरकार पहली जुलाई से यह नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू करना चाहती है। जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद सभी अन्य कर हटा दिए जाएंगे और इसके बाद सामान थोड़े सस्ते हो जाएंगे।
लोकसभा में जीएसटी से जुड़े चारों विधेयकों पर बहस के दौरान उन्होंने कहा कि सभी अन्य कर जैसे राज्यों में प्रवेश कर को जीएसटी को लागू करने के बाद हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “एक बार जब सभी किस्म के करों को हटा दिया जाएगा तो वस्तुएं थोड़ी सस्ती हो जाएंगी।”
उन्होंने ध्यान दिलाया कि जीएसटी लागू करने के लिए केंद्र और राज्य दोनों अपनी संप्रभुता को बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक राजनीतिक इकाई होने के बावजूद राज्यों में करों की दरें अलग-अलग है। मंत्री ने कहा, “भारत आर्थिक रूप से अभी भी अलग-अलग इकाई बना हुआ है। राज्यों की सीमाओं पर कर चुकाने के इंतजार में ट्रकों की बड़ी-बड़ी लाइनें लगी होती हैं। यहां सामानों की मुक्त आवाजाही नहीं है।”
उन्होंने यह भी साफ किया कि खाद्य पदार्थो पर कोई कर नहीं वसूला जाएगा। उन्होंने कहा, “परिषद ने पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी में शामिल करने का फैसला इसे लागू करने के एक साल बाद करेगी। फिलहाल सांविधानिक रूप से पेट्रोलियम पदार्थ जीएसटी के अंतर्गत हैं, लेकिन उन पर कर की दर शून्य रखी गई है। इसलिए जब परिषद इस पर जीएसटी के तहत कर लगाने का फैसला करती है, तो हमें संविधान संशोधन की जरूरत नहीं पड़ेगी।” जेटली ने कहा जीएसटी के लागू होने के बाद कराधान प्रणाली पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा और समुची प्रणाली का पुर्नगठन होगा।
उन्होंने कहा कि आज की आर्थिक गतिविधियों की प्रकृति बदलती रहती है और जीएसटी का उद्देश्य देश में वस्तुओं और सेवाओं की मुक्त आवाजाही, एक समान और एक जैसा इंटरफेस व एक आकलन अधिकारी है।” उन्होंने कहा, “इसकी आईटी संरचना ऐसी होगी कि ज्यादातर मामलों में स्वमूल्यांकन किया जा सकेगा।” जेटली ने कहा यह प्रणाली अधिक कुशल होगी, जिसे तोड़ना आसान नहीं होगा तथा उच्च अनुपालन सुनिश्चित करेगा।