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गुजरात के गधों का प्रचार कराना बंद करें : अखिलेश 

रायबरेली/जालौन| उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बयानों से एक-दूजे को पछाड़ने की होड़ लग गई है। इसी कड़ी में सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह अमिताभ बच्चन से कहें कि गुजरात के गधों का प्रचार न करें। उन्होंने मोदी से गधों का प्रचार कराना बंद कर महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध किया। अमिताभ बच्चन ने गुजरात के वन्य गधा अभयारण्य का एक प्रचार किया है, अखिलेश उसी का संदर्भ दे रहे थे।

अखिलेश का यह बयान प्रधानमंत्री द्वारा रविवार को एक चुनाव रैली में दिए गए उस बयान के जवाब में आया है, जिसमें मोदी ने प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, “अगर किसी गांव में कब्रिस्तान बनाने के लिए कोष मिलता है, तो उसे श्मशान बनाने के लिए भी कोष मिलना चाहिए।”

अखिलेश यादव ने राय बरेली में एक चुनाव रैली में मोदी से गधों का प्रचार बंद कर महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा।

मुख्यमंत्री ने अमिताभ बच्चन का नाम लिए बिना कहा, “एक विज्ञापन है, जिसमें गधे दिखाई देते हैं। मैं सदी के सबसे महान नायक से आग्रह करता हूं कि वह गुजरात के गधों का प्रचार करना बंद करें।”

सपा प्रमुख ने कहा, “क्या आपने कभी गधों के प्रचार के बारे में सुना है? गुजरात के लोग गधों का प्रचार कर रहे हैं। और वे लोग मुझ पर केवल कब्रिस्तान के लिए काम करने का आरोप लगाते हैं।”

मोदी ने उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ में कहा था कि जाति या धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर ईद में निर्बाध बिजली दी जाती है, तो होली में भी निर्बाध बिजली दी जानी चाहिए।”

मोदी ने बुंदेलखंड के जालौन में एक चुनाव रैली में प्रदेश सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि यह क्षेत्र वर्षो से सपा तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की उपेक्षा का शिकार रहा है।

उन्होंने कहा कि लड़ाई ‘स्कैम’ (एससीएएम) से है, जिसका मतलब सपा, कांग्रेस, अखिलेश (यादव) तथा बसपा की मायावती से है।

मोदी ने कहा, “स्कैम को बुंदेलखंड से उखाड़ फेंकने का चुनाव के रूप में आपके पास एक अवसर है।” उन्होंने आठ नवंबर को की गई नोटबंदी पर मायावती के विरोध पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बसपा वास्तव में ‘बहनजी संपत्ति पार्टी’ बन गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “बसपा आज कहां पहुंच गई है..जब आठ नवंबर को मैंने नोटबंदी की घोषणा की, तो एक दूसरे को फूटी आंख न सुहाने वाले प्रतिद्वंद्वी सपा तथा बसपा आपस में मिल गए? जब मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की और कालेधन का विवरण देने के लिए कहा, तो मुझे आश्चर्य हुआ। वे साथ आ गए और कांग्रेस सहित सबने मिलकर एक ही भाषा बोलनी शुरू कर दी।”

उन्होंने कहा कि मायावती ने आरोप लगाया था कि सरकार ने नोटबंदी के लिए सही ढंग से तैयारी नहीं की थी, लेकिन सरकार या फिर वह इसके लिए तैयार नहीं थी।

 

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar