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उच्च न्यायालय ने डीडीसीए के फैसले पर लगाई रोक

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नई दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) द्वारा उन तीन चयनकर्ताओं के हटाए जाने पर रोक लगा दी है, जिन्हें न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल द्वारा गठित समिति ने नियुक्त किया था। गौरतलब है कि अदालत ने पिछले वर्ष डीडीसीए की कार्यप्रणाली में कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए मुकुल मुद्गल की नियुक्ति की थी।

न्यायाधीश एस. रवींद्र भट और न्यायाधीश दीपा शर्मा की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल के निर्देश पर चुने गए चयनकर्ताओं को हटाने के लिए डीडीसीए को फटकार लगाई।

डीडीसीए के फैसले के खिलाफ अदालत में दायर अपनी याचिका में न्यायमूर्ति मुद्गल ने कहा कि चूंकि उन्हें डीडीसीए की कार्यप्रणाली की देखरेख के लिए उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किया गया है, इसलिए डीडीसीए की यह कार्रवाई अदालत के आदेश की अवमानना है।

डीडीसीए की खेल समिति ने हाल ही में पूर्व खिलाड़ी अतुल वासन और निखिल चोपड़ा को राज्य की सीनियर चयन समिति से हटा दिया है। इसके अलावा डीडीसीए ने जूनियर चयन समिति से मनिंदर सिंह को भी हटा दिया।

डीडीसीए को फटकार लगाते हुए अदालत ने कहा कि चयनकर्ताओं को हटाने का डीडीसीए का फैसला अदालत के आदेश की अवमानना है।

अदालत ने कहा, “डीडीसीए के इस तरह की कार्यवाही से पहले अदालत को सूचित करना चाहिए था, क्योंकि अदालत मामले पर अपना आदेश सुरक्षित कर चुकी है, ताकि अदालत फैसला सुनाते समय निवारक कदम उठा सके।”

हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि वह मामले को अब लंबा नहीं खींचना चाहती लेकिन डीडीसीए की कार्यवाही अदालत के आदेश की अवमानना है।

अदालत ने डीडीसीए को चयनकर्ताओं के कार्य में आगे से हस्तक्षेप न करने की हिदायत भी दी।

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Dileep Kumar
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