NationalTop News

आतंकवाद के लिए एक देश को दोष न दें : अजीज

पाकिस्तान के विदेश नीति, सरताज अजीज, अफगानिस्तान, अमृतसर, हार्ट ऑफ एशियाsartaaj
पाकिस्तान के विदेश नीति, सरताज अजीज, अफगानिस्तान, अमृतसर, हार्ट ऑफ एशिया
sartaaj

अमृतसर | पाकिस्तान के विदेश नीति के प्रमुख सरताज अजीज ने रविवार को कहा कि सिर्फ एक देश को क्षेत्र में आतंकवादी हिंसा को बढ़ाने के लिए दोष नहीं दिया जा सकता। उन्होंने दोहराया कि उनका देश अफगानिस्तान और क्षेत्र की स्थायी शांति के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत और पाकिस्तान की सीमा के निकट पंजाब के अमृतसर में छठे ‘हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस- इंस्तांबुल प्रोसेस ऑन अफगानिस्तान’ में अजीज ने कहा, “सबसे पहले हमारे विचार में लगातार हिंसा और आतंकी कृत्य मानव जीवन के लिए खतरा है। इससे सामूहिक प्रयास से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।”

दो दिवसीय सम्मेलन में अजीज ने कहा, “हिंसा में हाल के दिनों में हुई वृद्धि के लिए सिर्फ एक देश को दोषी ठहरा देना आसान है। हमें एक वस्तुनिष्ठ और समग्र दृष्टिकोण की जरूरत है।”

इससे पहले, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपनी टिप्पणी में इलाके में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का नाम लिया। इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे।

अजीज ने कहा कि पाकिस्तान गंभीरता से अफगानिस्तान और तालिबान के बीच शांति वार्ता के लिए प्रयासरत है, लेकिन अभी तक इसका सकारात्मक परिणाम नहीं निकल सका है।

उन्होंने कहा, “हमें अफगानिस्तान में स्थिरता और शांति के प्रयासों के लिए एक उद्देश्यपरक मूल्यांकन की जरूरत है।”

अजीज ने कहा कि उनकी सरकार शांति, स्थिरता और विकास को आगे बढ़ाने के लिए निर्वाचित सरकार और अफगानिस्तान के लोगों के साथ एकजुट होकर खड़ी है।

उन्होंने कहा, “हमारे दृष्टिकोण में अफगान विवाद का कोई सैन्य हल नहीं है। हमारे सभी प्रयास अफगान की अगुवाई व स्वामित्व वाली एक प्रक्रिया के जरिए राजनीतिक बातचीत के जरिए हल किए जाने चाहिए।”

सीमाओं के पार जुड़ाव को बढ़ावा देने की वकालत करते हुए अजीज ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के सामानों को पाकिस्तान के रास्ते परिवहन की सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि दोनों पक्षों को अफगानिस्तान-पाकिस्तान ट्रांजिट व्यापार समझौते को विस्तार और बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। इस संदर्भ में शेष विवादों को शांति पूर्ण तरीके से सुलझाने से क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क में सुधार आएगा।”

=>
=>
loading...