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आईआईटीआर का स्वर्ण जयंती वार्षिक दिवस समारोह संपन्न

आईआईटीआर, स्वर्ण जयंती वार्षिक दिवस समारोह, राज्य्पाल राम नाईक, आलोक धवन निदेशकIITR golden jublee
आईआईटीआर, स्वर्ण जयंती वार्षिक दिवस समारोह, राज्य्पाल राम नाईक, आलोक धवन निदेशक
IITR golden jublee

लखनऊ। सीएसआईआर- आईआईटीआर (भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान) लखनऊ में 14 नवंबर को स्वर्ण जयंती वार्षिक दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल राम नाईक थे। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत वंदेमातरम से हुई उसके बाद सीएसआईआर-आईआईटीआर का कुल गीत ‘जिनके हाथ किया करते हैं सदा देश निर्माण, उन मेहनतकश मज़दूरों के लिए करना है कुछ काम’ का  गायन हुआ।

तदुपरांत प्रोफेसर आलोक धावन, निदेशक, सीएसआईआर- आईआईटीआर ने तुलसी का पौधा और प्रतीक चिह्न प्रदान कर मुख्य अतिथि को सम्मानित किया। डॉ. देवेन्द्र परमार, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने अतिथियों का परिचय कराया और कहा कि यह मेरे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि मुझे महान विभूतियों का परिचय कराने का अवसर मिला है।

राष्ट्रगीत के पश्चात राज्यपाल राम नाइक ने दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर स्वर्ण जयंती वार्षिक दिवस समारोह का औपचारिक उद्घाटन किया एवं संस्थापन के निदेशक द्वारा लिखित पुस्तक ‘कोमेट एसे’ का विमोचन किया। साथ ही संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन, पर्यावरण रिपोर्ट और वेबसाइट का भी विमोचन किया। राज्यपाल ने संस्थान के पाँच कर्मियों को भी पुरस्कृत किया।

अपने संबोधन में राम नाईक ने कहा कि कोई भी संस्थान जब अपना वार्षिक दिवस मनाता है तो निश्चित तौर पर वह सुख एवं आनन्दी का दिवस होता है और जब पहले 25वें वर्ष प  सिल्वर जुबली और 50वें वर्ष पर गोल्डेन जुबली दिवस मनाते हैं तो निश्चित तौर पर इसका संस्था न के इतिहास में एक महत्व है और यह संस्थान के लिए ऐतिहासिक दिवस है।

उन्‍होंने कहा कि आज की परिस्थिति में भारत और विश्व‍ के लिए आप जिस प्रकार से कार्य कर रहे हैं, वह अतुलनीय और निश्चित ही अभिनन्दनीय है। आज के दिन की और भी एक बड़ी विशेषता है। इसको कहते हैं सुखद संयोग। आज देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म  दिवस भी है और देश आजाद होने के बाद देश के प्रगति में उन्होंने विज्ञान का महत्व सामने रखकर कई कार्य प्रारंभ किए थे। आज दुनिया के मंच पर भारत भी वैज्ञानिक विकास की दृष्टि से काफी आगे बढ़ा है। यह वैज्ञानिक प्रेरणा नेहरू जी ने देश को दिया था। उनको भी मैं आज के दिन याद करता हूँ और नमन भी करता हूँ।

राम नाइक ने कहा कि आपके संस्थान का यह 50वॉं वर्ष निश्चित ही सुख एवं आनन्दह कारक है, मैं आप सभी को शुभकामनाएं और अभिनन्दन देता हॅूं।  आपके संस्थान का बोध वाक्य- पर्यावरण, स्व की सुरक्षा तथा उद्योग की सेवा है, जो सरहनीय है। 50 वर्ष में जो वैज्ञानिक कार्य हुए हैं, वह किस प्रकार हुए हैं, उसका विचार करना चाहिए और अगले 50 वर्ष में जो इससे बेहतर कार्य करने हैए उन पर विचार करने की आवश्यिकता है। यहॉं की रिपोर्ट बताती है कि जो भी कार्य हुए हैं, वे बहुत महत्वपूर्ण हैं।

संस्‍थान के निदेशक प्रोफेसर आलोक धवन ने अतिथियों  का स्वागत किया और वार्षिक प्रतिवेदन  प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वित्तपोषित यह एक मात्र संस्थान है जो विषविज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत है। विषविज्ञान के क्षेत्र में संस्थान अग्रणी है। सीएसआईआर-आईआईटीआर ने 50वें वर्ष के दौरान उच्च इम्पैक्ट फैक्टर वाले अनेक  शोध पत्र प्रकाशित किया है और 3,331 औसत इम्पैक्ट फैक्टर वाले 142 शोध पत्र विशेषज्ञ समीक्षित जर्नलों (पीअर रिवियुव्ड जर्नल्स) में प्रकाशित किया है, जो संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे समसामयिक अनुसंधान के उच्च स्तर का संकेत है।

निदेशक ने कहा कि सीएसआईआर-आईआईटीआर, सीएसआईआर में एक मात्र और सरकारी क्षेत्र में दूसरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त और जीएलपी प्रमाणित प्रयोगशाला है। रसायन फार्मूलेशन, कीटनाशकों, औषधि, कॉस्मेटिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों और फ़ीड एडिटिव्स हेतु आईआईटीआर में जीएलपी परीक्षण सुविधा के माध्यम से तैयार विषाक्तता जैव सुरक्षा डाटा सभी 34 सदस्य देशों और 58 संबद्ध  गैर सदस्य देशों में नियामक प्राधिकरणों की तरह ही स्वीकार्य होता हैं। उन्होने कहा कि संस्थान के इस  स्वर्ण जयंती वार्षिक दिवस समारोह का इंटरनेट के माध्यम से भारत सहित संपूर्ण विश्व में सीधे प्रसारण हो रहा है।

प्रोफेसर ब्रायन कैंटर, कुलपति, ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम ने वार्षिक दिवस संबोधन  में कहा कि विषविज्ञान के क्षेत्र में कार्य हेतु इस संस्थान की स्थापना 1965 में हुई थी। विषविज्ञान और पर्यावरण की सुरक्षा तथा उद्योग की सेवा के क्षेत्र में इस संस्थान द्वारा किए गए कार्य विशेष रूप से सराहनीय हैं। शानदार सफलता और गौरवशाली 50 वर्ष की पूर्णता पर उन्होने संस्थान के निदेशकए वैज्ञानिकों और सभी कर्मियों को बधाई दिया।

इस अवसर पर सीएसआईआर-आईआईटीआर लखनऊ एवं ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालयए यूनाइटेड किंगडम के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हताक्षर भी हुए। इस अवसर पर प्रोफेसर डायना एंडरसनए ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालयए यू.के भी  उपस्थित रहीं। इस से पूर्व प्रोफेसर ब्रायन कैंटर संस्थान के सभागार में  बीसवाँ एस.एच. ज़ैदी व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ और डॉ.डी. कार चौधरी मुख्य वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष आयोजन समिति ने धन्यवाद ज्ञपित किया।

 

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