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असम लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष निलंबित

असम सरकार, असम लोक सेवा आयोग, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नोट के बदले नौकरीAssam Lok sewa aayog
असम सरकार, असम लोक सेवा आयोग, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नोट के बदले नौकरी
Assam Lok sewa aayog

गुवाहाटी | असम सरकार ने करोड़ों रुपये के ‘नोट के बदले नौकरी’ घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किए गए असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) के अध्यक्ष राकेश पॉल को निलंबित कर दिया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

यहां स्थित राजभवन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से दागी अध्यक्ष को अपदस्थ करने के लिए निर्देश मांगे थे।

‘नोट के बदले नौकरी’ घोटाले में एपीएससी के अध्यक्ष और उनके कुछ सहयोगियों की कथित संलिप्तता की जांच कर रही राज्य के डिब्रूगढ़ जिले की एक विशेष पुलिस टीम ने पॉल, एपीएससी सदस्य समेदुर रहमान, उनके निजी सुरक्षा अधिकारी और एपीएससी की परीक्षा नियंत्रक पवित्रा काइबर्ता को इस साल पहले गिरफ्तार करके पूछताछ की थी।

उनकी पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद यहां एक अदालत ने पॉल और रहमान को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जबकि अन्य पुलिस हिरासत में हैं।

असम सरकार के कार्मिक विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हमें राज्यपाल से पॉल को निलंबित करने की स्वीकृति मिल गई है और सरकार ने पॉल का निलंबन पत्र जारी कर दिया है। असम सरकार ने पहले ही भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर पॉल को उनके पद से हटाने के लिए उनसे निर्देश मांगे थे।”

पुलिस का दावा है कि उसे पॉल के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं।

आरोप है कि पॉल और एपीएससी के उनके कुछ विश्वसनीय सदस्यों और कर्मचारियों ने असम लोक सेवा परीक्षा में चयन के लिए उम्मीदवारों से और राज्य के विभिन्न विभागों के लिए अन्य अधिकारियों से बड़ी रकम ली है।

राकेश पॉल के खिलाफ अपनी पत्नी, अपने भाई, अपने ड्राइवर, अन्य संबंधियों के नाम से ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के आरोप हैं।

पिछले साल गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने सीबीआई को आरोपों की जांच के आदेश दिए थे।

हालांकि अदालत ने सीबीआई को प्राथमिक पूछताछ के दौरान पॉल को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था, लेकिन साथ ही कहा था कि उनसे पूछताछ की जा सकती है और जांच पूरी होने के बाद जांच दल से अदालत में इसकी रपट जमा कराने को कहा था।

एक किसान अधिकार संगठन, कृषक मुक्ति संग्राम समिति की जनहित याचिका पर अदालत ने ये निर्देश दिए थे।

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