वाशिंगटन| अमेरिकी विदेश विभाग और अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने आतंकवाद रोधी कार्रवाई की आड़ में अहमदिया समुदाय पर की गई पाकिस्तान की कार्रवाई की निंदा की है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने शुक्रवार को कहा, “हम पंजाब आतंकवाद रोधी पुलिस द्वारा राबवाह के मुस्लिम समुदाय, अहमदिया के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय पर छापेमारी की खबरों से बेहद चिंतित हैं।”
टोनर के मुताबिक, देश का कानून जो, खासतौर पर अहमदिया समुदाय की शांतिपूर्ण धार्मिक अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध लगाता है, पाकिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुसार असंगत है।
पाकिस्तान का कानून अहमदियों को मुस्लिम नहीं मानता और उन्हें खुद को मुस्लिम कहने से रोकता है। लेकिन टोनर ने जोर देकर कहा कि अहमदिया ‘एक मुस्लिम समुदाय है।’
जेसुइट कैथोलिक पादरी थॉमस जे. रीज ने कहा, “यूएससीआईआरएफ अहमदियों के कार्यालयों पर की गई क्रूर छापेमारी की निंदा करता है, जो कि 42 साल पहले पाकिस्तान द्वारा अपने संविधान संशोधन में अहमदियों को ‘गैर मुस्लिम’ करार देने के बाद पहली बार की गई है।”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी कानून शांतिपूर्ण अहमदिया समुदाय पर केवल इसलिए लागू नहीं किए जाने चाहिए, क्योंकि वे अहमदी हैं।”
सोमवार को आतंकवाद विरोधी विभाग ने धार्मिक सामग्री ‘तहरीक-ए-जदीद’ और ‘अल-फजल’ प्रकाशित करने को लेकर अहमदिया समुदाय के एक कार्यालय पर छापा मारा और कई लोगों को गिरफ्तार किया था। पंजाब सरकार ने 2014 में इन प्रकाशनों को ‘विद्रोहात्मक और राजद्रोहात्मक’ घोषित किया था।
यूएससीआईआरएफ ने कहा कि इस छापेमारी के दौरान ‘पुलिस ने कई अहमदियों को पीटा और गिरफ्तार किया था, जिन पर बाद में पाकिस्तान दंड संहिता और आतंकवाद निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामले भी दर्ज किए गए।’