नई दिल्ली | चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर तिमाही के दौरान राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 79.3 फीसदी तक पहुंच गया है और यह 4.24 लाख करोड़ रुपये रहा है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के खर्च और राजस्व के बीच का अंतर जिसे राजकोषीय घाटा कहा जाता है, अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में 4.24 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि बजट में वित्त वर्ष 2015-16 में इसके 5.34 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।
सरकार को कुल 7.27 लाख करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है, जबकि कुल खर्च (योजनागत और गैरयोजनागत) 11.51 लाख करोड़ रुपये रहा है।
कुल राजस्व में आय कर से सरकार को 5.30 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुआ है।
समीक्षाधीन अवधि में 3.28 लाख करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा दर्ज किया गया है, जो बजट अनुमानों का 92.6 फीसदी है।