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अध्यादेश को मिली मंजूरी, रविवार को होगा जलीकट्टू का आयोजन

जलीकट्टू का समर्थन, मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी, प्रधानमंत्री को धन्यवादpanneerselvam
जलीकट्टू का समर्थन, मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी, प्रधानमंत्री को धन्यवाद
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मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने मीडिया को दी जानकारी

चेन्नई। जलीकट्टू के समर्थन में पूरे देश में हो रहे प्रदर्शन के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि रविवार को पूरे राज्य में इस खेल का आयोजन किया जाएगा।

पन्नीरसेल्वम मदुरै में अलंगनाल्लुर में जलीकट्टू का शुभारंभ करेंगे। जबकि, राज्य के बाकी मंत्री अपने यहां के जिलों में सुबह ग्यारह बजे इस खेल का उद्घाटन करेंगे। पन्नीसेल्वम ने बताया कि तमिलनाडु सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश को राज्यपाल विद्यासागर राव ने अपनी मंजूरी दे दी है।

उन्होंने तमिलनाडु की जनता और सरकार की तरफ से उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि एक बार फिर से राज्य में जलीकट्टू का आयोजन किया जाएगा।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अध्यादेश अगले छह महीने में खत्म हो जाएंगे इसलिए आनेवाले विधानसभा सत्र में इसे कानून का रूप दे दिया जाएगा ताकि बिना किसी अवरोध के जलीकट्टू का आयोजन किया जा सके।

देशभर में हो रहा है प्रदर्शन

जलीलकट्टू के समर्थन में तमिलनाडु समेत देश के कई भागों में पांचवें दिन भी भारी प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शन के चलते छह ट्रेन रद्द की गई है जबकि पांच ट्रेनों का समय बदला गया है।

तमिलनाडु में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए ट्रेन सेवाओं के निलंबन के चलते रामेश्वरम में काफी तादाद में सवारी फंसी हुई है। वहां के मरीना बीच पर काफी तादाद में लोग एकजुट होकर समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं।

जलीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि यह एक पुरानी खेल परंपरा है जिसका तमिल लोगों की तरफ से काफी सालों से आयोजन किया जाता रहा है। ऐसे में फिर से इसके आयोजन की आवश्यकता है। इस पर प्रतिबंध किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगा।

राष्ट्रपति से मिले एआईडीएमएक सांसद

उधर, दिल्ली में एआईएडीएमके सांसदों ने जलीकट्टू पर अध्यादेश लाने को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। इस मामले पर एआईएडीएमके सांसद एम. थंबीदुराई ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान कई बार प्रधानमंत्री से हमारे सांसदों ने जलीकट्टू को लेकर समय मांगा। लेकिन, उन सांसदों को समय नहीं मिला जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

डीएमके पर बरसे एम. थंबीदुरई

एम. थंबीदुरई ने कहा कि जलीकट्टू एक पुराना मसला है जिसके समाधान पर अम्मा ने जोर दिया था। लेकिन, केन्द्र ने हमारे अनुरोध को किनारा कर दिया था।

उन्होंने डीएमके को इस मसले पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि काफी लंबे समय तक डीएमके राज्य की सत्ता पर काबिज रही। क्यों नहीं उसने इस मुद्दे को उठाया? वह इस मसले पर पूरी तरह से विफल रही जिसका खामियाजा आज भुगतना पड़ रहा है।

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