समाजवादी पार्टी का रजत जयंती समारोह आज
नई दिल्ली। उप्र में सत्तारूढ सपा (समाजवादी पार्टी) में पारिवारिक घमासान के बीच आज लखनऊ के जनेश्वर पार्क में पार्टी अपना रजत जयंती समारोह मना रही है। उप्र में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार की तर्ज पर यूपी में भी महागठबंधन की सुगबुगाहट है। महागठबंधन को मूर्त रूप देने के लिए लालू यादव, शरद यादव और एचडी देवगौड़ा लखनऊ पहुंच चुके हैं।
हालांकि बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस समारोह का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने अपने न आ पाने का कारण बिहार की छठपूजा को बताया है लेकिन उनके समारोह में शामिल न होने के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। राजनैतिक हलकों में इसे बिहार में महागठबंधन से अलग होने के सपा के फैसले को बताया जा रहा है।
इससे पहले यूपी सपा के अध्यक्ष शिवपाल यादव समारोह स्थल पर पहुंचे और कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी की बर्खास्त यूथ ब्रिगेड व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थक नेताओं को कार्यक्रम से दूर रहने की हिदायत दी गई है।
कार्यक्रम लाइव
10:02 रजत जयंती समारोह में भारी भीड़़। मुलायम, शिवपाल और अखिलेश के लग रहे हैं नारे।
09:40 लालू यादव, शरद यादव और देवगौड़ा से मिलने ताज होटल पहुंचे सीएम अखिलेश।
एशिया के सबसे बड़े मैदान में कार्यक्रम
एशिया के सबसे बड़े मैदान लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस मौके पर सपा लखनऊ में जोरदार समारोह कर अपनी ताकत का एहसास कराने की जुगत में लगी है। इस समारोह में दिग्गज नेताओं के साथ सपा के 5 लाख कार्यकर्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है। कार्यकर्ता समारोह स्थल पर पहुंचने लगे हैं।
सपा के इस मंच पर जहां पुराने जनता दल परिवार के हिस्से रहे नेता शिरकत करेंगे। वहीं सपा के अपने घर में चल रही रार के मद्देनज़र एकजुटता का इम्तिहान भी रजत जयंती समारोह के मंच पर होगा। साथ ही यहां से यूपी चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन की राह भी निकल सकती है।
महागठबंधन बनाने की कोशिश
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के कहने पर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव गैर भाजपाई व गैरकांग्रेसी नेताओं को इस आयोजन में लाने की कवायद कई दिनों से कर रहे हैं।
मुलायम की कोशिश है कि सभी समाजवादी पार्टियों को एक छतरी के नीचे लाया जाए और यूपी के चुनाव में भाजपा के खिलाफ मजबूत गठजोड़ पेश किया जाए। सूत्र बता रहे हैं कि इन दलों के नेता सपा के आंतरिक घमासान शांत होने के इंतजार में हैं।
बताया जा रहा है कि ज्यादातर नेता चाहते हैं कि सपा पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को औपचारिक तौर पर गठबंधन का नेता तय कर दे, तभी गठजोड़ करना उचित होगा।