सपा के अखिलेश गुट ने सत्ता में वापसी के लिए कसी कमर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा (समाजवादी पार्टी) का अखिलेश धड़ा आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस, अजीत सिंह की रालोद, भारतीय समाज पार्टी, जदयू और पीस पार्टी के साथ मिलकर महागठबंधन बनाने का प्रयास कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक इस गठबंधन के मद्देनजर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की राहुल गांधी व उनकी बहन प्रियंका गांधी के साथ कई बार बात हो चुकी है। सूत्रों की मानें तो गठबंधन की सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और कभी भी इसका ऐलान हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक गठबंधन के फार्मूले के तहत अखिलेश यादव राज्य की कुल 403 विधानसभा सीटों में से करीब 170 सीटें छोड़ सकते हैं। शुरुआत में कांग्रेस ने 140 और आरएलडी ने 50 सीटों की मांग रखी थी लेकिन पर्दे के पीछे चल रही बातचीत के अनुसार दोनों पार्टियां कुछ सीटें कम करने को तैयार हुई हैं।
सपा द्वारा छोड़ी गई सीटों पर उनके सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे। आपको बता दें कि सपा पिछले दिनों गठबंधन की खातिर कांग्रेस, आरएलडी के अलावा जेडी(यू) और पीस पार्टी से भी बातचीत कर रही है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कांग्रेस कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
जल्द राहुल सौपेंगे अपनी लिस्ट
माना जा रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जल्द ही अपने उम्मीदवारों की लिस्ट अखिलेश यादव को सौंप सकते हैं। 2017 का विधानसभा चुनाव सपा और कांग्रेस एक साथ मिलकर लड़ना चाहती है। सीटों के बंटवारे के लिए दोनों दल अपनी लिस्ट तैयार कर रहे हैं। लिस्ट में दोनों दलों के जो भी कमजोर प्रत्याशी होंगे उन्हें पीछे ले लिया जाएगा ताकि जीत सुनिश्चित हो सके।
टल गई राहुल-अखिलेश की मुलाकात
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच होने वाली मुलाकात फिलहाल टल गई है, उत्तर प्रदेश के चुनाव के लिहाज से रणनीतिक खाता खींचा जा चुका है। लेकिन कांग्रेस ने अखिलेश को दो टूक कह दिया है कि पहले आप सपा के भीतर फैसला कीजिए फिर हम आपके साथ हैं।
सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को संदेश दिया है कि सपा के भीतर का फैसला चुनाव आयोग 13 तारीख को करेगा, इसलिए उस फैसले के बाद ही हम मिलकर फैसला करें, आगे बढ़े बेहतर रहेगा। इसीलिए 10 जनवरी को राहुल और अखिलेश के बीच होने वाली मुलाकात फिलहाल आगे बढ़ गई है।
सपा में चल रहा है सत्ता संघर्ष
पिछले दिनों से सपा अपने अंदर की लड़ाई से ही जूझ रही है। फिलहाल पार्टी पर अपना हक जमाने के लिए मुलायम और अखिलेश आमने-सामने हैं। पिछले साल के अंतिम सप्ताह में छिड़ी पारिवारिक जंग इस कदर बढ़ चुकी है कि अब 13 जनवरी को चुनाव आयोग तय करेगा कि समाजवादी पार्टी का असली हकदार कौन होगा।