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नीतीश के साथ लालू यादव ने किया नोटबंदी का समर्थन

राष्ट्रीय जनता दल, नोटबंदी का समर्थन, 500 और 1000 नोट, लालू यादवNitish and Lalu

पटना।  राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव ने भी अब नोटबंदी का समर्थन कर दिया है। उन्होंने नोटबंदी के समर्थन का फैसला तब लिया जब मंगलवार शाम बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार उनके घर जाकर उनसे बात की। नीतीश कुमार के राजद और कांग्रेस के रुख से इतर नोटबंदी का समर्थन  किए जाने से उत्पन्न राजनीतिक विवाद के बीच नीतीश ने राजद संसदीय बैठक में मंगलवार को देर शाम भाग लेते हुए 500 और 1000 नोट पर रोक लगाए जाने को लेकर अपने बयान के बारे में चर्चा की। उसके बाद लालू ने नीतीश कुमार के सुर में सुर मिला दिया।

राजद की नेता राबडी देवी के आवास पर आयोजित राजद संसदीय बोर्ड की बैठक में भाग लेने मुख्यमंत्री के पहुंचने के समय पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद अपने पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ मौजूद थे।

राजद के कुछ विधायकों ने अपना नाम खुलासा नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि मुख्यमंत्री ने 500 और 1000 नोट पर रोक लगाए जाने को लेकर अपने बयान के बारे में सफाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सैद्धांतिक तौर पर नोटबंदी का समर्थन करते हैं, पर वे इसके क्रियान्वयन के लिए उचित प्रबंध नहीं किए जाने की भी निंदा की है।

नीतीश ने नोटबंदी का समर्थन किए जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात और प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत होने से संबंधित मीडिया रिपोर्ट को भी खारिज किया। उन्होंने राजद विधायकों से अपील की वे नोटबंदी को लेकर अपने सैद्धांतिक समर्थन को लेकर कुछ मीडिया संगठनों के बेबुनियाद खबरों से प्रभावित न हों।

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बिहार विधान परिषद और पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने सुशील मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। बिहार विधान परिषद स्थित अपने कक्ष में सुशील के नीतीश पर राजद और कांग्रेस से गठबंधन पर पुनर्विचार करने का पासा फेंकते हुए यह कहे जाने कि उनकी पार्टी जदयू की तरफ से पुनर्मिलन के किसी भी प्रस्ताव पर विचार करेगी, इस पर राबडी देवी ने सदन के मुख्यद्वार पर सुशील के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर मोदी (सुशील मोदी) नीतीश जी को ले जाना चाहते हैं तो उन्हें अपने गोद में उठाकर ले जाएं।

हालांकि बाद में इसे मजाक की संज्ञा देते हुए राबडी ने कहा कि जब वे परिषद के मुख्यद्वार के समीप कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के विरूद्ध की गयी अमर्यादित टिप्पणी के लिए प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सदन सदस्य मंगल पाण्डेय माफी नहीं मांग लेते तबतक सदन की कार्यवाही सामान्य नहीं हो पाएगी। उन्होंने अपनी इस अमर्यादित टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा कि राजनेताओं के बीच हंसी-मजाक चलता रहता है और एक-दूसरे का विरोध करने के बाद तुरंत एक साथ दिखते हैं।

 

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