Uttar Pradesh

मायावती में हिम्मत है तो मेरे खिलाफ चुनाव लड़े : स्वाति सिंह

बसपा अध्यक्ष मायावती, स्वाति सिंह, नोटबंदी, महिला सम्मलेनswati singh mayawati
बसपा अध्यक्ष मायावती, स्वाति सिंह, नोटबंदी, महिला सम्मलेन
swati singh mayawati

बहराइच। बसपा अध्यक्ष मायावती में हिम्मत है तो एक सामान्य सीट पर मेरे खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाए। ये बात भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष स्वाति सिंह ने कही।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद समाजवादी पार्टी (सपा), बसपा और कांग्रेस के नोटों से भरे महल ढह गए। मायावती का तो दिमागी संतुलन बिगड़ गया है। बहराइच में रविवार को भाजपा की तरफ से आयोजित महिला सम्मलेन में स्वाति सिंह ने सपा, बसपा पर कई तीखे हमले किए।

उन्होंने कहा, “जब प्रदेश में साढ़े चार मुख्यमंत्री की बात होती थी तो मुझे दुख होता था। लेकिन परिवार के झगड़े ने इस बात की पुष्टि कर दी कि सरकार में कई कई मुख्यमंत्री हैं। अखिलेश ने साफ कर दिया कि किसके कहने पर किस मंत्री को हटाया और किसके इशारे पर वापस लिया।”

उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजनीति में अखिलेश बेबस हैं। इस परिवार में जनता के मान सम्मान की लड़ाई नहीं बल्कि धन की लूट है। सूबे की सरकार गुंडागर्दी की है। बुलंदशहर में मां-बेटी के साथ हुई बर्बरता का न्याय उन्हें आज तक नहीं मिला। कानपुर के पुखरायां में हुए रेल हादसे के पीड़ितों का हाल जानने भी मुख्यमंत्री नहीं गए।

स्वाति सिंह ने मायावती पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यदि उनमें हिम्मत है तो सामान्य सीट पर एक सामान्य महिला से (अपनी तरफ इशारा करते हुए) चुनाव लड़कर दिखाएं। उन्होंने कहा कि जिस बाबा साहब के मिशन और कांशीराम के विचारों पर बसपा बनी, उसे मायावती बेच रही हैं। मायावती तक वही पहुंच सकता है, जिसके पास पैसा हो।

नोटबंदी पर बोलते हुए स्वाति सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि समाज का हर तबका बराबर का हो, सभी का विकास हो। आज नोटबंदी के कारण परेशानी जरूर है, लेकिन कल इसका फायदा होगा। नोटबंदी से भ्रष्टाचारी परेशान हैं। कांग्रेस ने जनता को बरगलाकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए भारत बंद का ऐलान किया है, लेकिन जनता प्रधानमंत्री के साथ है। उन्होंने प्रदेश में परिवर्तन के लिए महिलाओं का सहयोग मांगा।

स्वाति सिंह ने कहा कि तीन तलाक का मुद्दा महिलाओं के उत्पीड़न से जुड़ा है। जो मुसलमान भाई इस मुद्दे का विरोध कर रहे हैं वे क्यों नहीं महिलाओं को समानता का अधिकार दे देते। मुस्लिम महिलाओं को भी तीन तलाक का अधिकार मिलना चाहिए।

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