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मणिपुर का नागाओं के दबाव में झुकने से इंकार

इंफाल, मणिपुर, यूएनसी, नागाManipur

 

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Manipur

इंफाल | मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने शनिवार को कहा कि गत शुक्रवार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार युनाइटेड नागा काउंसिल(यूएनसी) के अध्यक्ष गेदोन कमेई और सूचना सचिव एस.स्टीफेन के मामले में कानून अपना काम करेगा। इबोबी ने कहा, “इन दोनों यूएनसी नेताओं के संबंध में कानूनी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है और उन्हें बिना शर्त रिहा करने का कोई सवाल नहीं उठता है।”

गत एक नवम्बर को दो नए जिले बनाने के सरकारी कदम के खिलाफ यूएनसी ने अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी लागू कर दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंद के आरोपित फरार चल रहे अन्य यूएनसी नेताओं को पकड़ने की कोशिश जारी है। दोनों नेताओं की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर यूएनसी और अन्य नागा संगठनों ने शुक्रवार शाम से 24 घंटे के पूर्ण बंद का आह्वान किया है।

नागा नेताओं ने कहा कि सदर की पहाड़ियों में प्रस्तावित दो नए जिलों का विरोध एक राजनीतिक मुद्दा है और यूएनसी के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने का कोई औचित्य नहीं है। उधर, मणिपुर गत एक नवम्बर से ईंधन समेत सभी सामानों की कमी से जूझ रहा है।

कुछ टैंकरों द्वारा लाए गए पेट्रोल का वितरण नियंत्रित है और कालाबाजारी के तहत पेट्रोल 300 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, बंद के संबंध में दोनों यूएनसी नेताओं के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के आलोक में आरोप तैयार किए जा रहे हैं।

मणिपुर उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बंद का संज्ञान लिया और दोनों राष्ट्रीय राजमार्गो के साथ वाहनों का परिचालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार को निर्देश दिया। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप राज्य के मुख्य सचिव ओइनाम नबकिशोर और पुलिस महानिदेशक एल.एम. खउटे वाहनों का आवागमन सुनिश्चित करने के इंतजाम किए हैं।

अधिकारियों को डर है कि यूएनसी और मणिपुर ऑल नागा स्टूडेंट्स एसोसिएशन अपना आंदोलन तेज कर सकते हैं। पुलिस फंसे हुए ट्रकों की पहरेदारी की व्यवस्था कर रही है।

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