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भोपाल मुठभेड़ के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाते कई माकपा नेता गिरफ्तार

मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल मुठभेड़, सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग, कई माकपा नेता गिरफ्तार, एनडीटीवी इंडिया पर एक दिनी प्रतिबंध का विरोधcpm-logo
मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल मुठभेड़, सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग, कई माकपा नेता गिरफ्तार, एनडीटीवी इंडिया पर एक दिनी प्रतिबंध का विरोध
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इंदौर/भोपाल| मध्यप्रदेश के इंदौर में भोपाल मुठभेड़ की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग और एनडीटीवी इंडिया पर एक दिनी प्रतिबंध के विरोध में शनिवार को मानव श्रृंखला बनाई जानी थी, लेकिन पुलिस ने माकपा (मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) के दफ्तर से कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने चैनल के प्रसारण पर रोक के फैसले को तानाशाही फैसला बताया।

माकपा के राज्य सचिव बादल सरोज ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मुठभेड़ और चैनल के प्रसारण के मामले में शनिवार को रीगल चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाई जानी थी, मगर इससे पहले ही पुलिस बल ने परदेसीपुरा थाना क्षेत्र के मालवा मिल क्षेत्र में माकपा के दफ्तर पर दबिश देकर कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। बादल का आरोप है कि पुलिस इन नेताओं को अज्ञात स्थान पर ले गई, वहीं रीगल चौराहे से भी बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां हुई हैं।

परदेसीपुरा थाना क्षेत्र के प्रभारी सुधीर दास ने बताया कि माकपा के लोगों की कई थाना क्षेत्रों में अशांति भंग किए जाने की आशंका में धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है। उनके थाना क्षेत्र में सात लोग गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने हालांकि इस बात से इनकार किया कि माकपा के दफ्तर से गिरफ्तारी की गई।

माकपा राज्य सचिव मंडल ने शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रतिरोध के खिलाफ पुलिस के रवैये को आपातकाल जैसी कार्रवाई मानते हुए इसकी निंदा की है। पार्टी का कहना है कि लगातार घोटालों और नाकामियों में फंसती जा रही भाजपा संविधान प्रदत्त अधिकारों की निर्लज्ज अवहेलना कर रही है और तानाशाही थोपने की कोशिश में है।

माकपा नेता आनंद मोहन माथुर ने बताया कि उन्हें मानव श्रृंखला का नेतृत्व करना था, लेकिन उनके घर से निकलने के पहले ही करीब 100 पुलिसकर्मी पहुंच गए और उनके ड्राइवर से कार की चाबी ले ली। जब उन्होंने ऑटो से जाना चाहा तो पुलिस ने ऑटो चालक को भी डपटकर भगा दिया।

दूसरी ओर, भोपाल में कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव ने राष्ट्रीय समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया को आठ नवंबर की आधी रात से नौ नवंबर की आधी रात (24 घंटे) तक के लिए प्रसारण बंद किए जाने के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आदेश को तानाशाही करार दिया।

यादव ने एक बयान जारी कर कहा कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है, यह चर्चा थी। लेकिन अब यह प्रत्यक्ष रूप से सामने आ गया है। इस बात का पूर्वाभास भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को जून, 2015 में ही हो गया था।

उन्होंने कहा कि आपातकाल की 40वीं सालगिरह पर एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में आडवाणी ने कहा था कि ‘देश में दोबारा आपातकाल जैसे हालात उत्पन्न हो रहे हैं।’ यह आज साकार होता हुआ दिखाई दे रहा है।

यादव ने भाजपा से प्रतिप्रश्न करते हुए कहा, “आपातकाल के दौरान इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली भाजपा आज अपने वादे-इरादे और प्रतिबद्धताओं को भूल उसी रास्ते पर क्यों जा रही है?”

उन्होंने आगे कहा कि ‘लोकतंत्र के चौथे स्तंभ’ को अवैधानिक तौर पर दंडित किए जाने में भाजपा का गुप्त एजेंडा छुपा हुआ है।

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