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भाजपा को विमुद्रीकरण की पूर्व सूचना नहीं थी : अमित शाह

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नई दिल्ली| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि सत्ताधारी पार्टी को 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करने के सरकार के कदम के बारे में पूर्व सूचना थी। उन्होंने कहा कि यह सूचना कुछ संवैधानिक और प्रशासनिक निकायों तक ही सीमित थी।

शाह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “भाजपा को इस तरह की कोई सूचना नहीं थी। यह सूचना कुछ संवैधानिक और प्रशासिकन निकायों तक ही सीमित थी।”

उन्होंने कहा, “हमें तो छोड़िए.. आप (पत्रकार) लोग सूचना नहीं पा सके।”

विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को विमुद्रीकरण के बारे में पूर्व सूचना थी।

भाजपा सूत्रों ने कहा कि शाह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसकी घोषणा किए जाने के आधा घंटा बाद इसकी जानकारी हुई। जब घोषणा की गई, उस समय शाह विमान में यात्रा कर रहे थे।

माकपा ने शुक्रवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने पार्टी के पक्ष में केंद्र के निर्णय की गोपनीयता के साथ समझौता किया और घोषणा से कुछ दिन पूर्व बड़ी धनराशि पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के खाते में जमा करा दी गई।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा के मित्रों को इस कदम की पूर्व जानकारी थी और उन्होंेने विमुद्रीकृत अपनी धनराशि विदेशों में भेज दी या जमीन खरीद ली या फिर सोना खरीद ली।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने इस निर्णय को गरीब विरोधी करार दिया और कहा कि सरकार ने यह घोषणा जल्दबाजी में की।

मुलायम ने आरोप लगाया कि यह निर्णय राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा, “भाजपा ने आगामी 2017 के विधानसभा चुनाव के कारण यह निर्णय लिया है।”

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी इस कदम के लिए केंद्र सरकार को जमकर कोसा।

मायावती ने कहा कि मोदी जनता को धोखा देने और वास्तवित मुद्दों से ध्यान हटाने में माहिर हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय जनहित में नहीं, बल्कि स्वहित में है।

शाह ने कहा कि भाजपा के पास कोई काला धन नहीं है और पार्टी कानून के अनुसार नियमित तौर पर टैक्स र्टिन दाखिल करती रहती है।

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Dileep Kumar
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