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प्रधानमंत्री के ‘दोस्तों’ के खिलाफ कार्रवाई हो : राहुल गांधी

नरेंद्र मोदी, कांग्रेस, राहुल गांधी, कालाधन, भिवंडी, ठाणे, मुंबई, मजिस्ट्रेटrahul gandhi
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                                             rahul gandhi

ठाणे (महाराष्ट्र)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को ‘मोदी के मित्रों और कालाधन जमा करने वालों’ पर कार्रवाई की मांग की। भिवंडी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक बड़े समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि विगत दो वर्षो में मोदी ने 15 उद्योगपतियों के 110,000 करोड़ रुपये के ऋण माफ किए हैं, जिनकी मदद से देश चलाया जा रहा है।

राहुल गांधी ने कहा, “अब नोटबंदी के जरिए अपने इन उद्योगपति मित्रों को धन देने के लिए वह प्रत्येक नागरिक की जब से पैसे निकाल रहे हैं। इन उद्योगपतियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हम मोदी के मित्रों और कालाधन जमा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं।”उन्होंने भविष्यवाणी की कि नोटबंदी के बाद जमा किए गए 500 और 1000 रुपये के नोट एक साल के भीतर उन 15-20 उद्योगपतियों और अन्य की जेबों में चले जाएंगे।मुंबई और ठाणे से आए बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की भीड़ से उन्होंने पूछा, “क्या आपको आपके 4000 रुपये मिले? क्या आपको नहीं मिटने वाली स्याही लगाई गई?” इस पर लोगों ने जोर से कहा- ‘नहीं’।

राहुल ने नोटबंदी के कारण देश में प्रत्येक नागरिक को हो रही पीड़ा का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों को भारी कठिनाइयों के बीच रख दिया गया है।उन्होंने कहा, “लेकिन, मोदी हंस रहे हैं और रो रहे हैं। जबकि, उद्योगपति या कालाधन जमा करने वाले पुराने नोट बदलने के लिए लंबी कतारों में नहीं खड़े हैं।”भिवंडी में एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक कार्यकर्ता राजेश कुंठे द्वारा दायर मानहानि के एक मामले में आरोपित राहुल गांधी को जमानत दी है। मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी, 2017 को होगी।बाद में इस मुस्लिम बहुल शहर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ विचारधारा की लड़ाई लड़ने आए हैं।अदालत में मामले की सुनवाई के बाद मुंबई जाने के रास्ते में भिवंडी के बाहरी इलाके में राहुल एक ‘टोल टैक्स’ नाका के निकट एक बैंक के पास रुक गए, लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं।

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