नई दिल्ली| नोटबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को लोकसभा में भारी हंगामा किया, जिससे अध्यक्ष को अपराह्न् दो बजे तक सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही सुबह जैसे ही शुरू हुई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पूरे सदन के साथ रेल हादसे मरे लोगों को श्रद्धांजलि दी।
इसके तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय ने गत आठ नवम्बर को सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने के मुद्दा पर बहस के लिए अध्यक्ष से एक स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
टीएमसी और कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे।संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने उत्तेजित सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन वे नहीं माने।
कुमार ने कहा कि हाल में की गई नोटबंदी से लोगों को हुई असुविधा समेत किसी भी मुद्दे पर सरकार बहस के लिए तैयार है।उन्होंने यह भी कहा कि लोग उच्च मूल्य के नोटों को अमान्य घोषित करने के सरकार के फैसले के पक्ष में हैं और कालेधन का मजबूती से विरोध करते हैं।
अध्यक्ष ने भी उत्तेजित सदस्यों से प्रश्नकाल की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया।इसके बाद महाजन ने कहा, “अगर आप टीवी पर दिखना चाहते हैं तो मैं लोकसभा टीवी से ऐसा करने को कह दूंगी। इस देश के लोग आपको देखेंगे।”
महाजन की इस टिप्पणी पर कांग्रेस नेता मल्किार्जुन खड़गे ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि वह बहस से पीछे नहीं हट रहे हैं, बल्कि प्रधानमंत्री पीछे हट रहे हैं।हालांकि हंगामे के बीच अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रखी।
जब प्रश्नकाल चल रहा था तब विपक्षी सदस्यों ने ‘गली गली में शोर है, मोदी सरकार चोर है’ और ‘किसान मर रहा है, सरकार सो रही है’ जैसे नारे लगाए।टीएमसी के सदस्य हाथ में काले रंग की तख्ती लिए हुए थे, जिस पर ‘आर्थिक आपातकाल’ लिखे हुए थे।
अध्यक्ष ने पहले 10 मिनट के लिए दोपहर 12 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की। सदन की कार्यवाही जब पुन: शुरू हुई तो टीएमसी के सदस्य फिर अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए और नारे लगाने लगे|
हंगामा के बीच रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रविवार को कानपुर के निकट हुई रेल दुर्घटना पर एक बयान देना शुरू किया।अध्यक्ष ने कहा, “आप लोग रेल हादसे पर एक बयान सुनने को भी तैयार नहीं हैं।” इस टिप्पणी के साथ उन्होंने सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।