आपको यह सुनकर हैरानी हो कि आप दिन में जितना ज्यादा समय तमाम तरह की स्क्रीन पर देखकर बिताते हैं, आपकी नींद में उतनी ही ज्याकदा समस्या उत्पदन्न होती है। अमेरिकी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए ताजा अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।
एक मिडिया खबर के मुताबिक शोधकर्ताओं को पता चला कि मोबाइल फोन और टैबलेट्स जैसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसें नीली रोशनी उत्सर्जित करती हैं। यह ब्लू लाइट दिमाग को यह सिग्नल (संदेश) देती है कि वे मेलाटॉनिन का उत्पादन बंद कर दे। मेलाटॉनिन वो पदार्थ है जो शरीर को नींद में लाने की तैयारी करता है, लेकिन इस रोशनी से मेलाटॉनिन का स्राव बंद होने से दिमाग को लगता है कि अभी भी दिन की ही रोशनी है यानी दिन है।
=>
=>
loading...