Uttar Pradesh

उप्र : प्रख्यात साहित्यकार विवेकी राय का निधन

उप्र, लखनऊ, डॉ. विवेकी राय, यश भारती पुरस्कार, महात्मा गांधी सम्मान, 'फिर बैतलवा डाल परVIVEKI RAI

 

उप्र, लखनऊ, डॉ. विवेकी राय, यश भारती पुरस्कार, महात्मा गांधी सम्मान, 'फिर बैतलवा डाल पर
VIVEKI RAI

लखनऊ | उत्तर प्रदेश में गाजीपुर जिले के रहने वाले हिंदी और भोजपुरी के प्रख्यात साहित्यकार डॉ. विवेकी राय का मंगलवार सुबह वाराणसी में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। उन्होंने तड़के करीब 4.45 बजे अंतिम सांस ली। सांस लेने में दिक्कत की वजह से वाराणसी के निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने 19 नवंबर को ही अपना 93वां जन्मदिन मनाया था। वाराणसी में मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार होगा।

डॉ. राय ने हिंदी के साथ ही भोजपुरी साहित्य जगत में भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी। उन्होंने आंचलिक उपन्यासकार के रूप में ख्याति अर्जित की। डॉ. विवेकी राय को उत्तर प्रदेश सरकार ने यश भारती से भी सम्मानित किया था।

उल्लेखनीय है कि विवेकी राय हिन्दी और भोजपुरी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। वह मूल रूप से गाजीपुर के सोनवानी गांव के निवासी थे। उन्होंने 50 से अधिक पुस्तकें लिखी।

विवेकी राय को मूलत: ललित निबंध, कथा साहित्य के लिए जाना जाता था। गौरतलब है कि ‘मनबोध मास्टर की डायरी’ और ‘फिर बैतलवा डाल पर’ इनके सबसे चर्चित निबंध संकलन हैं। ‘सोनामाटी’ उपन्यास विवेकी राय का सबसे लोकप्रिय उपन्यास है।

उन्हें हिंदी साहित्य में योगदान के लिए 2001 में महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार एवं 2006 में यश भारती पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महात्मा गांधी सम्मान से भी पुरस्कृत किया गया था।

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